09 September 2006

पंजाब नेशनल बैंक, होशंगाबाद (संदेश)


हिन्दी माह 2006 के अवसर पर महाप्रबन्धक (अंचल) का संदेश

प्रिय साथियों !
हिन्दी माह के शुभारम्भ के अवसर पर मैं आप सबको बधाई देता हूँ।
देश की आजादी के ५९ वर्ष पूरे हो चुके हैं। लोकतांत्रिक परम्पराओं और मर्यादाओं का बिर्वहन करते हुए हमने छह दशक व्यतीत कर लिए। संस्कृति और भाषाओं के मामले में हिन्दी हमारे देश की सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। इसलिए हिन्दी ने राष्ट्रभाषा और फिर राजभाषा का दर्जा पाया है। १४ सितम्बर १९४९ को संविधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के फलस्वरूप हिन्दी राजभाषा के रूप में पदासीन हुई। इसी उपलक्ष में प्रतिवर्ष १४ सितम्बर का दिन ``हिन्दी दिवस'' के रूप में मनाया जाता है।
सम्प्रेषण और सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी ने अपने उत्तरादायित्व को इतनी खूबी से निभाया कि इसका प्रयोग करने वाले लगभग ५० करोड़ लोगों के साथ, यह विश्व की सार्वाधिक बोली जाने वाली दस शीर्ष भाषाओं मे से एक है। इस तरह से हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकमत का सम्मान करते हुए, सबकी सहमति से राजभाषा हिन्दी की विकास यात्रा सहज और निर्बाध गति से जारी है।
राजभाषा हमारी राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान है और बैंक के संस्थापक लाला लाजपत राय जैसे महान देश-भक्त के उत्तराधिकारी के रूप में बैंक का हर कर्मचारी राष्ट्र की पहचान के साथ जुड़ी हर चीज़ के संरक्षण और विकास के लिए कटिबद्ध है। बैंक के ग्राहकों और निवेशकों के रूप में देश के करोड़ों लागों का विश्वास हमें लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। वस्तुत: व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में हिन्दी ने प्रारम्भ से ही अंत्यत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हमे इस बात का गर्व है कि हमने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भलीभाँति किया है। हमारे अंचल में हिन्दी के प्रयोग को भारत सरकार के गृह मत्रांलय राजभाषा विभाग तथा प्रधान कार्यालय ने सराहा है एवं समय-समय पर श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिये पुरस्कृत किया है। नगर स्तर पर गठित राजभाषा कार्यान्वयन समितियों ने भी हमारे कार्यलयों को लगतार पुरस्कृत किया है। हाल ही में हमारे कार्यालय को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति भोपाल द्वारा वर्ष २००४ का द्वितीय तथा वर्ष २००५ का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति जैसी व्यापक गतिविधियों वाली संस्थाओं ने हमारी राजभाषा के प्रति प्रतिबद्धता को पर्याप्त सम्मान प्रदान किया है। व्यक्तिगत स्तर पर भी हमारे अंचल की कई प्रतिभाओं ने राजभाषा के क्षेत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त किये हैं।मैं आशा करता हूँ कि अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करते हुए हमारी उपलब्धियों का ये सिलसिला कभी नहीं थमेगा।
मैं अंचल के समस्त स्टाफ सदस्यों से यह अपेक्षा करता हूँ कि वे अपना अधिकतम कार्य हिन्दी में करें। शाखाओं में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों से जनता का सीधा सम्पर्क होता है अत: जन-समान्य को उनकी भाषा में ही सर्वोत्तम सेवाएँ प्रदान करें। इससे ग्राहक अधिक सुविधा और सहजता महसूस करेगा तथा बैंक के साथ उसका जुड़ाव भी गहरा होगा।
शुभकामनाओं सहित।

आपका-

एन.सी.जैन
महाप्रबन्धक(अंचल)
प.नै.बैंक(मध्यप्रदेश)

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